8 फरवरी को महाराष्ट्र(Maharashtra) के मुर्तजापुर में एक युवती ने इसकी शुरुआत की तो सिबिल स्कोर देखकर शादी करने का प्रदेश में नया ट्रेंड चल पड़ा है। घरवालों के लड़का पसंद करते ही लड़कियां उनके सिबिल स्कोर(CIBIL Score) को चेक कर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि लड़का बैंकों का कर्जदार तो नहीं है। वह आय से अधिक ईएमआइ(EMI) तो नहीं भर रहा? लड़के का गोरा-लंबा होना अब आर्थिक सुनिश्चितता के बाद दूसरा पैमाना बन गया है।
ये तीन मामले बता रहे ट्रेंड तेजी से बदल रहा
इतना कम पैकेज… बैंगलूरु में कैसे रहेंगे
भोपाल की शीतल (परिवर्तित नाम) की शादी बेंगलूरु में काम कर रहे लड़के से तय हुई। लड़की ने सबसे पहले लड़के का पैकेज पूछा। तब लड़की ने कहा, यह तो बहुत कम है। हम बैंगलूरु में रहेंगे तो इस पैकेज में ठीक-ठाक लोन भी नहीं मिलेगा। उसने शादी से इनकार कर दिया।कर्जमुक्त निकला दूल्हा, मान गई युवती
सागर के गोपालगंज की मोना जैन की शादी छतरपुर के आशीष पंचरत्न से तय हुई। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। मोना ने आशीष की आर्थिक स्थिति जानने के लिए उसका सिबिल स्कोर देखा। स्कोर 800 था। वह समझ गई कि उस पर कोई कर्ज नहीं है। आय अच्छी है। तब शादी की।आय का 55% ईएमआइ में, शादी से इनकार
इंदौर में विजयनगर के संदीप गौतम मेडिकल इक्यूपमेंट्स का कारोबारी हैं। उनकी शादी भोपाल में अरेरा ई-7 की निधि झा से तय हुई। निधि ने उसका सिबिल स्कोर देखा। तीन बड़े कर्ज थे। दो लाख की मासिक कमाई पर 1.18 लाख रुपए ईएमआइ में जा रही थी। निधि को लगा भविष्य सुरक्षित नहीं है, इसलिए शादी(Marriage) से मना कर दिया।900 अंकों का सिबिल स्कोर बेहद कारगर
क्रेडिट मैनेजर विश्वजीत मिश्रा ने बताया, यह क्रेडिट स्कोर(CIBIL Score and Marriage) है। 300-900 अंकों का होता है। जितना ज्यादा स्कोर, बैंकों का भरोसा उतना ही ज्यादा। नवदंपत्तियों को घर, कार और अन्य लग्जरी आयटम्स की खरीद के लिए लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है। लोन समय पर चुकाया तो स्कोर बढ़ता है।क्या कहता है सिबिल स्कोर
● 685 स्कोर या अधिक हो तो लोन मिलने के चांस ज्यादा।जल्द ही लिखना पड़ेगा बायोडाटा में स्कोर
सेंट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर राजेश सिंघई का कहना है, शादी के लिए गुण, स्वभाव तो जरूरी हैं। वित्तीय अनुशासन भी जरूरी है। लड़कियां हर हाल में यह चाहती हैं। जल्द बायोडाटा में भी सिबिल स्कोर लिखने का चलन आएगा। कम सिबिल स्कोर वालों को शादी से पहले क्रेडिट काउंसलिंग करानी पड़ेगी।सिबिल स्कोर पूछना बताता है कि युवतियां शादी को अनिवार्य संस्था न मानकर बिजनेस के तौर पर ले रही हैं। यह फेक फेमिनिज्म के कारण हो रहा है। ऐसे मामले मेरे सामने भी आ रहे हैं। वे पहले ही तय कर रही हैं कि शादी टूटी तो बदले में कितना पैसा मिलेगा। – प्रो. योगिता यश रावत, मैरिज एंड रिलेशनशिप काउंसलर