कार्यक्रम में एआई में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने की जरूरत जताते हुए इसके इस्तेमाल में बहुत सावधानी बरतने की बात भी कही गई। विशेषज्ञों और वक्ताओं ने यह आशंका भी जाहिर की कि कहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल कुछ ही लोगों तक सीमित होकर न रह आए। कृषि और स्वास्थ्य में एआई के व्यापक इस्तेमाल की बात भी कही गई।
हर विषय के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू
सीएम डॉ. मोहन यादव ने यहां कहा कि हर विषय के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। कभी कहा जाता था कि कंप्यूटर आने से सभी बेरोजगार हो जाएंगे। इंटरनेट आया तो कहा गया घर परिवार बिगड़ जाएंगे। हमें अच्छे बुरे दोनों पहलुओं को समझते हुए तालमेल बैठाना होगा।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के समय भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस था हालांकि तब यह पूर्णत: विकसित नहीं था। उन्होंने बताया कि उग्रसेन के शत्रुओं ने एआई के इस्तेमाल से ही छल किया था।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द्वापर युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण भी गिनाए। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के जन्म से पहले कंस का वध करने वाले के जन्म लेने की भविष्यवाणी की गई थी। उस समय राजा उग्रसेन के शत्रु ने भी एआई के इस्तेमाल से उनकी रानी के साथ छल किया था। शत्रु राजा ने एआई से रूप तो परिवर्तित कर लिया पर आवाज नहीं बदल पाया। इस प्रकार कंस का जन्म हुआ था।