मध्य प्रदेश के बोर्ड माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा दसवीं में सात से आठ लाख स्टूडेंट शामिल होते हैं। सीबीएसइ के बाद यहां भी दसवीं में दो बार परीक्षा(
CBSE 10th Board Exam) का नियम लागू हो सकता है। मंडल में इस पर चर्चा हुई। अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसइ के पैटर्न के आधार पर इसमें से बिंदु लिए जा सकते हैं। पैटर्न में बदलाव को लेकर समितियों की मंजूरी होना बाकी है। ये समितियां परीक्षा से जुड़े अलग-अलग पहलू संभालती हैं।
एक्सपर्ट ने क्या कहा
परीक्षा से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक हर कक्षा की परीक्षा अभी साल में एक बार होती है। यानी स्टूडेंट को पास होने के लिए केवल एक मौका रहता है। कॅरियर काउंसलर गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि तनाव का मुख्य कारण आत्मविश्वास की कमी होता है। दो हिस्सों में परीक्षा बंटने से बोझ कम होगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। तैयारी में भी आसानी होगी।
साल में दो परीक्षा का नियम प्रदेश के राज्य ओपन बोर्ड में पहले से ही
प्रदेश में दसवीं और बारहवीं की साल में दो परीक्षा का नियम पहले से है। इसके आधार पर राज्य ओपन बोर्ड परीक्षा आयोजन करा रहा है। छह माह के अंतराल से परीक्षा का आयोजन होता है। मंडल की परीक्षा में फेल स्टूडेंट उसी साल परीक्षा में पास होने यहां से शामिल हो सकते हैं। राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि परीक्षा की टेंशन कम करने की दिशा में बोर्ड लंबे समय से काम कर रहा है। परीक्षा पैटर्न(CBSE 10th Board Exam में बदलाव नीतिगत मामला है। जब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाता साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है। सीबीएसइ के पैटर्न की समीक्षा मंडल करेगा। –डी. त्रिपाठी, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल