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भोपाल में सोमवार शाम को बताया गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (mp cm mohan yadav) के नाम से फर्जी पत्र जारी कर राजस्थान के रणथंभोर अभ्यारण्य में अनुचित लाभ लेने का प्रयास किया गया है। इस गंभीर मामले में शिकायत पर आरोपी श्रेय मेहता के खिलाफ कोतवाली सवाई माधोपुर में एफआईआर दर्ज हुई है।
फ्री में जिप्सी सफारी करने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, वन विभाग ने शिकायत दर्ज कराई कि गुजरात के अहमदाबाद का निवासी श्रेय मेहता अपने पांच दोस्तों के साथ रणथंभौर घूमने आया था। उसने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लेटरहेड का फर्जी इस्तेमाल कर जिप्सी बुक करने का प्रयास किया। प्रथम दृष्टया लेटर में मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए। जब वन विभाग को मेल पर आए इस पत्र पर संदेह हुआ, तो अधिकारियों ने तुरंत लेटर की सत्यता की जांच कराई। जांच में यह पत्र फर्जी निकला। इसके बाद वन विभाग ने सवाई माधोपुर कोतवाली में मामला दर्ज करा दिया। यह भी पढ़े –
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मामला सामने आने के बाद पुलिस ने सोमवार सुबह राजस्थान के रणथंभौर स्थित एक होटल से श्रेय मेहता को हिरासत में ले लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पता लगा रही है कि उसके पास ये लेटरहेड कहां से आया। संबंधित थाना प्रभारी ने बताया कि वह इस मामले की हर सिरे से जांच कर रहे है। इस घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर कैसे मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी लेटर बना कर जिप्सी बुक करने का प्रयास हुआ? पुलिस की जांच से और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र
मध्यप्रदेश के सीएम का जो फर्जी लेटर गुजरात के युवकों ने लगाया था, अब वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में लिखा गया है कि श्रेय मेहता तथा अन्य 5 व्यक्ति तारीख 30 से 1 अप्रैल तक रणथंभोर अभ्यारण में सफारी हेतु आने वाले हैं। जिनको सरकारी नियमानुसार जंगल सफारी के लिए जिप्सी वाहन के साथ आवश्यक व्यवस्था कराने की विनती है। बकायदा आरोपी श्रेय मेहता का फोन नंबर भी लिखा गया है। पत्र जिला वन अधिकारी के नाम संबोधित है।