संत ने सरकार को दी चुनौती
भिण्ड बाबा रंजीतानंद महाराज ने मंच से सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि ‘यदि संतों की बात नहीं मानी जाएगी तो सरकार को रहने का अधिकार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ‘हम भाजपा सरकार के कार्य से हमेशा ही संतुष्ट रहे हैं, लेकिन इस बार मानव हित के कार्य में सरकार ने चुप्पी साध ली है। केंद्र सरकार के मंत्री घोषणा करके भूल गए है, जबकि प्रदेश का यह इकलौता हाइवे है, जिस पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं में लोगों ने जान गंवाई है।’ यह भी पढ़े –
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आंदोलन के दौरान चिलोंगा धाम के महंत संत हरिनिवास महाराज भी सरकार पर बरसे। उन्होंने कहा विषम परिस्थिति में संत इस तरह के आंदोलन में शामिल होते हैं। सरकार को विचार करना चाहिए। अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। कई बार अल्टीमेटम देने के बाद शासन ने केवल गुमराह करने का प्रयास किया है। इस बार संत तभी आंदोलन से उठेंगे, जब उन्हें ठोस लिखित में प्रमाण दिया जाएगा कि हाइवे बनाया जा रहा है और जब तक प्रमाण नहीं दिया जाएगा आंदोलन जारी रहेगा।
देर शाम हुआ कवि समेलन का आयोजन
आंदोलन स्थल पर रात आठ बजे से कवियों ने काव्य पाठ किया। कवि अंजुमन मनोहर ने अपनी कविता के जरिए हाइवे पर जान गंवाने वाली पुण्य आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर मौत के हाइवे को अतिशीघ्र बनाने की मांग दौहराई। समेलन में कतव दशरथ सिंह कुशवाह, प्रदीप वाजपेयी युवराज, सत्येंद्र सिंह कुशवाह, प्रियंका राजावत, डॉ शशिबाला राजपूत, धर्मेंद्र त्रिपाठी आदि ने काव्य पाठ किया।