बनास में लीज नहीं भीलवाड़ा, जहाजपुर व बिजौलियां में बनास नदी में बजरी की एक भी लीज नहीं है। सस्ती बजरी दिलाने को सरकार बजरी ब्लॉक ई-नीलामी के लिए निकाल रहे हैं। छह माह में 18 से 22 ब्लॉक में कंपनियों ने इतनी अधिक नीलामी राशि लगाई कि बोली के बाद राशि जमा नहीं हो रही है। इससे अमानत राशि के रूप में सरकारी खजाने में राजस्व तो बढ़ गया, लेकिन आमजन को सस्ती बजरी नहीं मिली।
इन ब्लॉक की फिर निकाली ई-नीलामी मांडलगढ़ तहसील के बिलिया, भवानीसिंह जी का खेड़ा, नंदराय, पंडेरी, बिजयनगर व हुरड़ा, सेजा नगर, रावत खेड़ा व शक्करपुरा, केशरपुरा, भरणीकलां, जामोली, रामगढ़, जामोली, रावतखेड़ा, रामपुरा। जवासियां, सायला, हमीरगढ़, बरडोद, खेतहजारियां, खेराबाद, कान्याखेड़ी, गुरावड़ी, भैंसा कुडंल, मोहनपुरा-भैसाकुंडल। सवाईपुर तहसील के गेगा का खेड़ा, अमरतिया, गेंदलिया, करेड़ शामिल है।
इन कंपनियों ने लिया ई-नीलामी में हिस्सा बजरी की ई-नीलामी में रॉयल सिक्योरिटी सर्विसेज, ग्लेज कॉर्पोरेट सर्विसेज प्रा.लि., ग्लोबल एन्टरप्राइजेज, मॉडर्न सप्लायर्स, प्रगति इंफ्रा, श्री श्याम राम भाई देशी घी फूड प्रोडेक्टस एंड कम्पनी ने 3 से 150 करोड़ तक की बोली लगाई है। खान निदेशालय ने कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड न करके इनको डिबार किया है। ऐसे में इन कंपनियों के निदेशक अन्य कंपनी के माध्यम से नीलामी में हिस्सा ले रहे हैं।
घालमेलभरा मामला सबसे हैरतभरा मामला बीसलपुर में डि-सिल्टिंग का है।यहां खनिज विभाग ने बीसलपुर बांध की डि-सिल्टिंग का कार्य जयपुर की कम्पनी को 20 साल के लिए यानि 2 फरवरी 2043 तक दिया है। यहां से बजरी प्रतिदिन सैकड़ों डंपर व ट्रेलर से प्रदेश के हर जिले में जा रही है। यहां सरकार को राजस्व मिलने की बजाय करोड़ों रुपए देकर बजरी एवं ग्रेवल निकालने का ठेका दिया है। कंपनी एक तरफ डि-सिल्टिंग करने का पैसा सरकार से ले रही है दूसरी ओर बजरी बेचकर दोहरा लाभ कमा रही है।
समझ से परे खान विभाग बजरी ब्लॉक की ई-नीलामी समय-समय पर निकालता है। इसमें कम्पनियां भी आ रही हैं, लेकिन वे बोली की राशि जमा न करवा अमानत राशि जब्त करवा रही हैं, यह समझ से परे है। हाल ही 34 ब्लॉक की फिर से ई-नीलामी की प्रक्रिया 24 अप्रेल से शुरू होगी जो 7 मई तक चलेगी।
ओपी काबरा, एसएमई, खनिज विभाग, भीलवाड़ा