अब नहीं होगी सैंपल में गड़बड़ी दूध संग्रहण केंद्र यानी बीएमसी से टैंकरों के माध्यम से दूध के दौरान लिए गए सैंपल को टैंकरों में लगे बॉक्स में रखे जाते हैं, लेकिन इनको बदलने की संभालना रहती है। इसको समाप्त करने के लिए अब बीएमसी के टैंकरों पर सैंपल बॉक्स पर कंप्यूटर के माध्यम से ओटीपी सिस्टम से लॉक लगाया जाएगा। यह एक प्रॉम्प्ट टैंक एश्योर एक बंद, कंटेनरीकृत और डिजिटल रूप से पासवर्ड प्रणाली है। यह बॉक्स के रूप में आता है जिसे दूध के टैंकर पर लगाया जाएगा। राजस्थान में यह नवाचार पहली बार भीलवाड़ा डेयरी कर रही है। अब तक यह सिस्टम वाराणसी डेयरी में ही है। यह स्वचालित रूप से बीएमसी दूध के नमूने एकत्र करने, दूध की मात्रा और दूध के तापमान को रिकॉर्ड करने का कार्य करता है। संपूर्ण प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक रूप से लॉक है। इसे केवल मोबाइल ऐप से अधिकृत व्यक्ति के माध्यम से ही डेयरी प्लांट में खोला जा सकता है। इससे कोई भी छेड़छाड़ करता है तो इसकी सूचना अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल आ जाएगी। इस नवाचार पर 25 लाख रुपए व्यय होगा तथा यह सिस्टम 41टैंकरों पर लगाए जाएंगे।
350 बीएमसी पर लगेंगे रूप टॉप सोलर प्लांट पाठक ने बताया कि जिले में डेयरी की 350 बीएमसी समितियां है। इन पर 5 किलो वॉट तक का रूप टॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। ताकि बिजली खर्च में कमी आएगी। इस योजना पर 8 करोड़ व्यय होंगे। इसके अलावा पाउडर व मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की क्षमता के विस्तारीकरण पर दो करोड व्यय कर नई मशीन लगाई जाएगी। वर्ष 2023-24 में दुग्ध संघ से संकलित दुग्ध पर 50 पैसा प्रति लीटर दीपावली पर अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। वर्ष 2023-24 में डेयरी ने 26.22 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। बैठक में संचालक मंडल के सभी सदस्य उपस्थित थे।