गलियों में आग लगी तो कैसे बुझेगी..नहीं है फायर फाइटर बाइक की व्यवस्था
-चार बार कर चुके मांग लेकिन अभी तक नहीं हुई व्यवस्था


गलियों में आग लगी तो कैसे बुझेगी..नहीं है फायर फाइटर बाइक की व्यवस्था
भरतपुर. शहर में सकरी गली, भीड़भाड़ वाले बाजार या पहाड़ पर आग लगी तो उसे काबू में करने के लिए भरतपुर दमकल के पसीना छूट सकते हैं, क्योंकि यहां पर फायर फाइटर बाइक की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में जहां तक दमकल का चार पहिया वाहन और उसका पाइप जा सकता है वहीं तक आग पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन सकरी गली तक जाने में तो वाहन को पहुंचने में समय लगेगा। ऐस में कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार भरतपुर ही नहीं अपितु संभाग के करौली, धौलपुर और सवाई माधोपुर में भी सकरी गलियों एवं भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में शीघ्र पहुंचने के लिए फायर फाइटर बाइक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आग की घटना के दौरान फायर विग्रेड के चार पहिया वाहन ही जाते हैं, जिन्हें पहुंचने में यदि देर भी लग जाए तो हादसा और बड़ा हो सकता है। भरतपुर की बात करें तो यहां पर चार बार फायर फाइटर बाइक की मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक समस्या का हल नहीं हुआ है। दो बार नगर निगम में और दो बार स्वायत्त शासन विभाग में पत्र लिखकर फायर फाइटर बाइक की मांग की जा चुकी है। बताते हैं कि जयपुर लेवल पर खरीदकर भेजेंगे। लेकिन अभी तक नहीं आई हैं। आग यदि खुले में लगे तो दमकल वाहनों की मदद से आग पर काबू पा सकते हैं, लेकिन यदि सकरी गली, बाजार या पहाड़ सहित ऐसे स्थलों पर जहां दमकल के वाहन नहीं पहुंच सकते हैं और वहां आग लगने पर बड़ा हादसा हो सकता है।
दो प्रकार की होती है फायर फाइटर बाइक
फायर फाइटर बाइक दो तरह की होती है। एक बाइक के इंजन में पंप फिट होता है तो दूसरी तरह की बाइक पर आग बुझाने वाले सिलेंडर रखे रहते हैं। जो सकरी गलियों में शीघ्र पहुंचकर आग बुझाने में उपयोगी साबित होती हैं। बताते हैं कि जितनी आग गाड़ी बुझा सकती है उतनी ही आग को बाइक पर रखे सामान से बुझाया जा सकता है।
इन जगहों पर उपयोगी साबित होती है
सकरी गलियों में, भीड़ वाले इलाकों में, बाजार में, पहाड़ पर और बिजली प्रभावित होने के दौरान भी फायर फाइटर बाइक से आग बुझाई जा सकती है। अर्थात बिजली सर्किट को बंद किए बिना भी आग को काबू में किया जा सकता है। क्योंकि बाइक पर आग बुझाने वाला केमिकल होता है। जबकि वाहनों में पानी होता है, जिससे शॉटसर्किट के दौरान आग बुझाने से पहले विद्युत आपूर्ति बंद करनी पड़ती है, जबकि बाइक वाले सिस्टम से बिजली काटे बिना भी आग को नियंत्रण में किया जा सकता है। बाइक पर पानी की टंकी होती है और आग बुझाने का केमिकल भी रखा रहता है। जिसे दो दो संचालित कर सकते हैं। एक हजार किलो वॉट बिजली की आग पर भी आसानी से काबू पाया पाया जा सकता है।
इनका कहना….
यहां पर कही पर आग की घटना होने पर दमकल के चार पहिया वाहन ही जाते हैं। जहां तक पहुंच पाते हैं वहां तक ठीक है, नहीं तो फिर पाइप से बुझाने का प्रयास किया जाता है। भरतपुर में फायर फाइटर बाइक के लिए चार बार मांग की जा चुकी है।
-अरुण कुमार, अग्निशमन अधिकारी, नगर निगम, भरतपुर।
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