उल्लेखनीय है कि पांच मार्च को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धौलपुर की टीम ने 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पटवारी दिनेश सैनी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जबकि इससे पहले वह दो लाख रुपए ले चुका था। वहीं आरोपी पटवारी दिनेश को एसीबी टीम ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इसके अलावा टीम अभी सभी साक्ष्यों की पड़ताल के साथ इसमें अन्य की भूमिका की भी जांच कर रही है। हालांकि अभी तक एसीबी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि जांच के घेरे में कौन-कौन अधिकारी है। साथ ही पटवारी बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है।
ऑडियो रिकॉर्डिंग में परिवादी व पटवारी की बातचीत के अंश
परिवादी विश्वेंद्र सिंह: हां साहब बोलो पटवारी दिनेश सैनी : सामने वाली पार्टी से आया था कोई उनसे पंडित मिलने, इन्हें तो बहुत जोर से पकड़ते हैं। उन्होंने बताया कि वो कह रहा था कि पुलिस से मेरी बात हो गई है। तहसीलदार वगैराह से भी मेरी बात हो गई है। मैंने साहब से कहा कि आपको कुछ नहीं करना है। आप तो सिर्फ एक ऑर्डर दे दो। उसके लिए तो कुछ करना पड़ेगा, लेकिन इसके मामले में तो कुछ करना ही नहीं पड़ रहा है। कोई आदमी मरे, खोपड़ी फूटे, कानून व्यवस्था बिगड़े, मतलब क्या है, हालांकि उससे आपको ज्यादा मिल जाएंगे, लेकिन इसमें तो कुछ भी नहीं है। वो बोले कि अरे यार दो करोड़ का बीघा है वहां रोड पर, 50 लाख की पार्टी दबाकर बैठी है। मैंने कहा कि पैमाइश तो पैसे से की हुई है। परिवादी: पहले से ही रह रहे हैं। हमारी तो नापी ही नहीं है। पटवारी: पार्टी का 20 साल पुराना स्कूल बना हुआ है। आज देखी है क्या जमीन, चलो कोई बात नहीं है। क्या करेगी। साहब से कहा कि पार्टी पिछली बार 50 देकर गई थी। वे बोले कि इतने में तो नहीं बैठेगा। फिर मैंने कहा तो बोले कि एक करा दो। अब ध्यान रखना कच्चे लोभ में मत पड़ना। अब स्थिति ऐसी नहीं है। आपको बताऊं, उन्होंने एक की कहा है। उसमें 10-5 हजार मैं उसी में से मेरे निकाल लूंगा।
परिवादी: इसी में से आपको हो जाएगा पटवारी: कुल मिलाकर आपके पूरे एक लगेंगे। परिवादी: महाराज हमारा तो फेवर करते कुछ। पटवारी: अरे उनको तो 50 लाख की लग रही है। पार्टी उन्हें बताकर गई है कि दो करोड़ रुपए का बीघा है। मैंने कह दिया कि साहब उन्हें बोल देना कि कोर्ट में जाओ।
परिवादी: ये अफसर तीन-चार साल रहेंगे तो आगे तक मदद करनी है। बोल देना आप। पटवारी: अरे चिंता की कोई बात नहीं है। अगर रवि होता तो पार्टी लौटकर ही नहीं आती वापस। अरे सुनो हमारे बीच में एक रुपए लो, या एक लाख चाहे 10 लाख, एक बार पैसा ले लिया तो फिर अफसर फिर नहीं सकता। अरे ऐसे थोड़े है। बात खराब कराने को नहीं है।
परिवादी: बाद में बात बिगड़नी नहीं चाहिए। आप जिम्मेदार होंगे। पटवारी: अरे ये रहे चाहे 10 साल, 10 साल तक हमारी गारंटी है। परिवादी: फिर मैं आपसे कब मिलूं। पटवारी: सुनो मैं जाऊंगा इनको देने सामान, और भी लोगों के सामान रखे हैं। सुबह 10 बजे जाऊंगा इनके पास। इससे पहले कर देना। दो-तीन मामलों की बात करके आया हूं। वे भी दे जाएंगे तो एक साथ देकर आऊंगा।
परिवादी: 80-75 हजार के आसपास हो जाता तो अच्छा रहता। मुझे लगता है कि दूसरी पार्टी ऑफर बड़ा दे गई होगी। पटवारी: स्पष्ट शब्द हैं दूसरे वाले कि आपको सिर्फ एक ऑर्डर निकालना है। पुलिस, तहसीलदार सबको देख लेंगे। पुलिस ने भी साफ कहा है कि आदेश लाना है। आदेश में क्या है, इतना सा ही तो लिखना है कि सिविल कोर्ट से स्टे हट चुका है। वर्तमान में कब्जा संभलाए जाए।
परिवादी: चलो आप तो बात कर लो, मैं सुबह 10 बजे मिलता हूं। पटवारी: मैंने आपसे पहले ही कहा था, व्यवस्था करके रखना। परिवादी: रात हो रही है। व्यवस्था कैसे करूंगा। पटवारी: चिंता की कोई बात नहीं है। एकाध घंटा लेट करूंगा। आप तो आ जाओ, सभी के एक साथ दे आऊंगा।
परिवादी: अरे साहब चारदीवारी, कमरा तक बने हुए हैं। पटवारी: अब चिंता की कोई बात नहीं है। मेरी साहब से बात हो गई है। गारंटी के साथ आप तो आ जाना। आगे आप जमीन पर कच्चे-पक्के निर्माण कर लेना।
परिवादी: ठीक है कोई बात नहीं, मिलूंगा मैं सुबह आपसे 10 बजे
यह था मामला
दावा दुरुस्ती में मदद करने के लिए पटवारी दिनेश सैनी ने दो लाख रुपए लिए थे, लेकिन वह 11 फरवरी 2025 को टीआई खारिज हो गई थी। परिवादी ने पैसे का तकादा किया, लेकिन वह टालमटोल कर रहा था। इसके बाद पटवारी ने दुबारा टीआइ लगाने की एब्ज में 15 हजार रुपए की मांग की थी। 24 फरवरी 2025 को धौलपुर एसीबी ने सत्यापन कराया। पटवारी दुबारा रिश्वत लेने के लिए टालमटोल करता रहा। उसने घर पर बुलाया। इसके बाद रंगो हाथों अपने घर पर सोफा के नीचे रुपए रखते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। पटवारी दिनेश सैनी उनके पिता और माता के नाम से एसीएम कोर्ट भरतपुर में चल रहे वाद (दावा दुरुस्ती) में मदद कराने और धारा 136 रेवेन्यू एक्ट के तहत एसडीएम कोर्ट भरतपुर में दावा करवाकर उसमें स्टे दिलाने के बदले रिश्वत मांग रहा था।