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बेमेतरा

ऋण पुस्तिका का नया नाम क्या रखें… बताने वाले विजेता को मिलेगा 1 लाख रुपए, राजस्व विभाग ने की बड़ी घोषणा

CG Bemetara News : ‘‘भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका या किसान किताब‘‘ की कृषक के जीवन में महत्ता को दृष्टिगत रखते हुये इसे एक नया सम्मान जनक नाम देने का आव्हान आम जनता से किया गया है

बेमेतराJun 12, 2023 / 04:40 pm

चंदू निर्मलकर

ऋण पुस्तिका का नया नाम क्या रखें... बताने वाले विजेता को मिलेगा 1 लाख रुपए, राजस्व विभाग ने की बड़ी घोषणा

ऋण पुस्तिका का नया नाम क्या रखें… बताने वाले विजेता को मिलेगा 1 लाख रुपए, राजस्व विभाग ने की बड़ी घोषणा

CG Bemetara News : ‘‘भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका या किसान किताब‘‘ की कृषक के जीवन में महत्ता को दृष्टिगत रखते हुये इसे एक नया सम्मान जनक नाम देने का आव्हान आम जनता से किया गया है और इसके नामकरण के लिए आम जनता से प्रस्ताव आमंत्रित करने एवं प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को रूपये एक लाख का पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गयी है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप नामकरण को अंतिम रूप देने के लिये प्रतिभागियों से सुझाव आमंत्रित किये जाने के लिए विभाग द्वारा एक ऑनलाईन वेब पोर्टल तैयार किया गया हैं। (cg bemetara news) इस पर प्रत्येक प्रतिभागी अपने मोबाईल नंबर को रजिस्टर कर अपनी एक प्रविष्टि 30 जून तक अपलोड कर सकते हैं।
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राज्य में प्रत्येक किसान मालगुजारी के समय से परंपरागत रूप से अपने स्वामित्व की भूमि का लेखा-जोखा एक पुस्तिका के रूप में धारित करता रहा है। मालगुजारी काल में बैल जोड़ी के चित्र वाली एक लाल रंग की पुस्तिका, (cg news update) जिसे असली रैयतवारी रसीद बही‘‘ कहा जाता था। मालगुजारों के द्वारा कृषकों को दी जाती थी। कालांतर में इस पुस्तिका को भू-राजस्व सहिता में कानूनी रूप दिया गया
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भू-राजस्व संहिता के प्रभावशील होने के पश्चात् वर्ष 1972-73 में इस पुस्तिका का नामकरण ‘भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका किया गया। (chhattisgarh news) ‘‘भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका में कृषक के द्वारा धारित विभिन्न धारणाधिकार की भूमि एवं उनके द्वारा भुगतान किये गये भू राजस्व, उनके द्वारा लिये गये अल्प एवं दीर्घकालीन ऋणों के विवरण का इन्द्राज किया जाता है। इसके अतिरिक्त भूमि के अंतरणों की प्रविष्टियों को भी इसमें दर्ज किया जाता रहा है।
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छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पश्चात वर्ष 2003 में ऋण पुस्तिका का नाम किसान किताब किया गया लेकिन इसके उद्देश्यों एवं उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। (cg news today) किसान किताब में किसान के द्वारा धारित समस्त भूमि वैसे ही प्रतिबिंबित होती है जैसे यह भू-अभिलेखों में है।

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