RAS Pawan Kumar Prajapat Success Story: राजस्थान के बाड़मेर जिले के निवासी पवन कुमार प्रजापत ने साबित कर दिया कि कठिनाइयों में भी हौसला और मेहनत इंसान को बुलंदियों तक पहुंचा सकती है। गांव की गलियों में सब्जियां बेचने से लेकर RAS बनने की उनकी कहानी ने बहुत सारे लोगों को प्रेरणा दी है।
दरअसल RAS पवन कुमार प्रजापत का जीवन बचपन से ही कठिनाइयों से भरा रहा। सरकारी स्कूल से 5th कालस्स तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति संभाली और काम करना शुरू कर दिया। 10th तक पढ़ाई के दौरान वह गांव में सब्जियां बेचते थे जिससे उनका घर चलता था।
मजदूरी के लिए प्रतिदिन मिलते थे 50 रुपए
जिसके बाद जोधपुर में 50 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी भी की। 12th के बाद उन्होंने प्राइवेट से BA की पढ़ाई तैयारी की और 2012 में आर्मी में चपरासी की नौकरी दी लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। इसके बाद 2013 में रेलवे में गनमैन और 2014 में पटवारी पद पर चयन हुआ। जिसके बाद उन्होंने RAS की तैयारी शुरू कर दी।
ऐसे बने RAS
साल 2016 में एलआरओ पद पर चयन के बावजूद उनका सपना RAS बनने का था। 2018 के फर्स्ट एटेम्पट में सफलता नहीं मिली लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने मेहनत जारी रखी और 2021 की भर्ती परीक्षा में 170वीं रैंक हासिल की।