उत्तराखंड राज्य सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि डॉ. उर्मिला जोशी को सदस्य पद पर कार्यभार ग्रहण की तिथि से नामित किया गया है। उनके कार्यों, दायित्वों, अधिकारों एवं सेवावधि संबंधी विस्तृत निर्देश पृथक से संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
शिक्षा और शैक्षणिक सेवा में समृद्ध अनुभव
डॉ. जोशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (GGIC), नैनीताल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने DSB कॉलेज, नैनीताल से स्नातक, परास्नातक (राजनीति शास्त्र एवं समाजशास्त्र), बी.एड., एम.फिल. (समाजशास्त्र) और पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं। शैक्षणिक जीवन की शुरुआत उन्होंने साहू राम स्वरूप पीजी कॉलेज, बरेली में शिक्षण से की। इसके उपरांत उन्होंने जबलपुर और इंदौर के शिक्षण संस्थानों में भी कुछ समय अध्यापन किया, जिससे उन्हें व्यापक शिक्षण अनुभव प्राप्त हुआ।
परिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक जुड़ाव
डॉ. उर्मिला जोशी मूल रूप से जोशीखोला, अल्मोड़ा की निवासी हैं, और वर्तमान में अमलतास लेन, लामाचौड़, हल्द्वानी (नैनीताल) में निवास करती हैं। उनके पिता श्री रमेश चंद्र मुंगाली, सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता, अय्यरपाटा, नैनीताल में रहे हैं। डॉ. जोशी के पति प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। एक शिक्षिका, शोधार्थी और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी महिला के रूप में डॉ. जोशी की पहचान रही है।
सामाजिक न्याय की दिशा में नई भूमिका
डॉ. जोशी की यह नियुक्ति महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। आयोग में उनकी उपस्थिति से नारी हितों से जुड़े मुद्दों को एक नई दृष्टि और दिशा मिलने की संभावना है।