सरनिया गांव निवासी पुत्तन शाह ने पुलिस को बताया कि गांव की दो खसरा संख्या—0.3040 हेक्टेयर और 0.7210 हेक्टेयर—सरकारी भूमि कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है। पुत्तन शाह का आरोप है कि गांव के सब्जे अली नामक व्यक्ति का इस ज़मीन पर कोई वैध अधिकार नहीं है, बावजूद इसके उन्होंने कब्ज़ा कर लिया।
फर्जी दस्तावेज़ों से वक्फ में दर्ज की गई ज़मीन
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सब्जे अली ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत एक अज्ञात व्यक्ति सैय्यद हामिद हसन को फकीर के रूप में वहां बैठाकर झाड़-फूंक का कार्य शुरू कराया। सैय्यद हामिद हसन की मृत्यु के बाद, सब्जे अली ने उन्हें उसी सरकारी कब्रिस्तान में दफनाकर वहां पक्की कब्र बनवाई और उसे मजार का रूप दे दिया। इसके बाद, सब्जे अली ने उस ज़मीन पर “सैय्यद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट” के नाम से ट्रस्ट बनवाया और उपनिबंधक कार्यालय, सदर द्वितीय में उसका पंजीकरण करा लिया। ट्रस्ट में सब्जे अली ने स्वयं को ट्रस्टी बनाया और अपनी पत्नी जकीरा, बेटियां फरहानाज, गुलनाज, शना जाफरी, राहीला जाफरी तथा षड्यंत्र के मुख्य आरोपी मनीष कुमार को ट्रस्ट का हिस्सा बना लिया।
अदालत में भी कब्जा अवैध करार
शिकायत में यह भी कहा गया कि सब्जे अली ने कोर्ट में वाद दायर किया, जिसमें अदालत ने कब्जा को अवैध माना। बावजूद इसके, उन्होंने मामले के विचाराधीन होने की जानकारी छिपाई और जाली दस्तावेज़ों के आधार पर ज़मीन को वक्फ संपत्ति संख्या 2214 के अंतर्गत दर्ज करा लिया। इसके बाद, उन्होंने वक्फ बोर्ड की प्रबंधन समिति में खुद को अध्यक्ष, गांव के आसिफ अली को कोषाध्यक्ष, अहमद अली को सचिव, और अन्य सहयोगियों मकसूद व जैब को सदस्य नामित करा लिया।
आरोपियों के नाम
पुलिस जांच के बाद जिन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनके नाम हैं: - सब्जे अली
- जकीरा (पत्नी)
- फरहानाज (बेटी)
- शना जाफरी (बेटी)
- राहीला जाफरी (बेटी)
- मनीष कुमार
- आसिफ अली
- अहमद अली
- मकसूद
- जैब
- गुलनाज (बेटी)
पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और विधिक कार्रवाई जारी है।