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बरेली

500 करोड़ की बिजली व्यवस्था ध्वस्त, 12 घंटे से शहर अंधेरे में, पानी को तरसे लोग

बिजली विभाग द्वारा शहर की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों और सुधार के दावों की सच्चाई शुक्रवार रात आई आंधी-बारिश ने उजागर कर दी।

बरेलीApr 19, 2025 / 11:33 am

Avanish Pandey

बरेली। बिजली विभाग द्वारा शहर की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों और सुधार के दावों की सच्चाई शुक्रवार रात आई आंधी-बारिश ने उजागर कर दी। बीते 12 घंटे से आधा शहर अंधकार में डूबा हुआ है। शनिवार दोपहर तक हालात सामान्य नहीं हो सके, जिससे करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए।
शुक्रवार रात आई तेज आंधी और मूसलधार बारिश के बाद शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। कई इलाकों में ट्रांसफॉर्मर फुंक गए तो कहीं बिजली लाइनें टूट गईं। बावजूद इसके विद्युत विभाग के अधिकारी न तो मौके पर पहुंचे और न ही उपभोक्ताओं की कॉल्स का जवाब दिया।

सिविल लाइंस को ही मिली प्राथमिकता

शहर के सिविल लाइंस इलाके, जहां विभागीय अधिकारी और प्रशासनिक अफसर रहते हैं, वहां की बिजली व्यवस्था को तो प्राथमिकता के आधार पर ठीक कर दिया गया, लेकिन बाकी शहर की हालत बेहाल रही। फीडर ठप पड़े रहे और मरम्मत कार्य को लेकर कोई स्पष्ट सूचना भी विभाग की ओर से नहीं दी गई।

12 घंटे तक आधा शहर अंधेरे में

शनिवार को सुबह से दोपहर तक बिजली बहाल न होने के कारण लोगों को नहाने और पीने के पानी तक के लिए जूझना पड़ा। वाटर पंप ठप होने से कॉलोनियों और अपार्टमेंट्स में पानी का संकट गहरा गया। पॉश इलाकों जैसे प्रेमनगर, राजेंद्रनगर, स्वालेनगर, मॉडल टाउन और सुभाषनगर, सौ फुटा रोड, मुंशी नगर, पीलीभीत बाईपास की कॉलोनियों में भी ब्लैकआउट की स्थिति बनी रही।

500 करोड़ का सवाल

बिजली विभाग ने हाल ही में 500 करोड़ रुपये की लागत से शहर में ट्रांसफॉर्मर और बिजली लाइनों की मरम्मत व आधुनिकीकरण का दावा किया था, लेकिन एक रात की बारिश ने ही इस पूरी कवायद की पोल खोल दी। आम जनता ने सवाल उठाए हैं कि इतना बड़ा बजट खर्च होने के बावजूद व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है कि मामूली तूफान में भी शहर अंधेरे में डूब जाए?

उपभोक्ताओं में गुस्सा

शहरवासियों का कहना है कि उन्हें नियमित बिल भरने के बावजूद बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही। कॉल करने पर न तो अधिकारी जवाब देते हैं, न ही कोई हेल्पलाइन सक्रिय रहती है। लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि विभाग केवल वीआईपी इलाकों की ही परवाह करता है।
अब तक बिजली बहाली का कोई समय तय नहीं
शनिवार दोपहर तक विभाग की ओर से बिजली बहाली को लेकर कोई ठोस टाइमलाइन जारी नहीं की गई थी। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित

ब्लैकआउट का असर अस्पतालों, दुकानों, और कार्यालयों पर भी पड़ा है। इन्वर्टर और जेनरेटर की सीमाएं पार हो चुकी हैं और दैनिक जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

नगरीय अधीक्षण अभियंता का बयान

बिजली विभाग के नगरीय अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल ने बताया कि टीमें फाल्ट को सही कर रही है। फाल्ट ठीक होने में करीब एक घंटे का समय लगेगा, फाल्ट ठीक होते ही बिजली आपूर्ति चालू कर दी जाएगी।

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