इस घोटाले के मुख्य आरोपी के तौर पर कैशियर दिनेश गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
इस तरह हुआ घोटाले का पर्दाफाश
शाहजहांपुर रोड स्थित विद्युत वितरण खंड, इज्जतनगर उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले कई उपभोक्ताओं ने अपने बिजली बिल का भुगतान चेक के माध्यम से किया था। लेकिन, उपभोक्ताओं ने यह चेक नियमानुसार संबंधित कार्यालय में जमा करने की बजाय नगरीय वितरण खंड द्वितीय, बरेली में जमा कर रसीद प्राप्त कर ली। बैंक में जब ये चेक बाउंस हुए, तो विभाग को संदेह हुआ और जांच शुरू की गई। तब सामने आया कि इन उपभोक्ताओं के नाम पर जमा किए गए चेक वास्तव में कुछ अन्य व्यक्तियों और फर्मों के थे।
इन खाताधारकों के चेक का हुआ दुरुपयोग
घोटाले में जिन लोगों या संस्थाओं के चेक का फर्जी तरीके से उपयोग हुआ, उनमें प्रमुख नाम हैं: अनहर हुसैन हिमांशु रंजन ज्ञानेश्वरी देवी याग्निक लव कुमार गौतम कार्तिक इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अमित शर्मा इन सभी के नाम से थर्ड पार्टी चेक का प्रयोग कर उपभोक्ताओं की फर्जी रसीदें बनाई गईं। इन कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
जिन कर्मचारियों के माध्यम से फर्जी चेकों की रसीदें काटी गईं, उनमें शामिल हैं:
माहिल अली प्रवीण पांडेय प्रेम सिंह राहुल गुप्ता अरविंद कुमार ममता इन सभी के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
रेवेन्यू को पहुंचाया गया नुकसान
प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि एक संगठित गिरोह ने चुनिंदा खाताधारकों के चेक को बार-बार अलग-अलग उपभोक्ताओं के नाम से प्रस्तुत किया। इस प्रक्रिया में निगम को राजस्व का नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।