जैसे ही यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कैशियर राहुल गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
फर्जी चेकों से हुई लाखों की हेराफेरी, उपभोक्ता भी धोखे में
ग्रामीण खंड-द्वितीय में तैनात टीजी-2 ग्रेड के कैशियर राहुल गुप्ता पर आरोप है कि उसने कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के साथ मिलकर बिजली उपभोक्ताओं से नकद भुगतान लेकर उनके नाम की रसीदें तो जारी कीं, लेकिन बैंक में जमा किए गए चेक न तो उन्हीं उपभोक्ताओं के नाम के थे और न ही वे मान्य पाए गए। कुल 38 चेकों में से 36 बाउंस हुए जबकि दो चेक ऐसे मिले जिन पर हस्ताक्षर ही नहीं थे, फिर भी उनकी रसीदें काट दी गईं।
जाली चेक इन नामों से जारी—नाम उपभोक्ताओं से मेल नहीं खाते
जांच में जो चेक पकड़े गए हैं, वे अनहर हुसैन, हिमांशु रंजन, ज्ञानेश्वरी देवी याग्निक, लव कुमार गौतम और ‘कार्तिक इंटरप्राइजेज’ के अमित शर्मा के नाम से थे, जबकि बिजली कनेक्शन धारक कोई और थे। यह साफ तौर पर दर्शाता है कि कैशियर द्वारा सुनियोजित तरीके से नकली दस्तावेजों का प्रयोग किया गया।
कोतवाली में दी गई तहरीर, FIR की प्रक्रिया शुरू
नगरिया द्वितीय विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान द्वारा इस पूरे फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत कोतवाली में दी गई है। बिजली निगम के मुख्य अभियंता जोन प्रथम ब्रह्मपाल सिंह ने कहा कि मामले में दोषी कैशियर को निलंबित कर दिया गया है और जिन लोगों के नाम पर फर्जी चेक जमा हुए हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
चेयरमैन के दौरे पर नहीं हुई चर्चा, बच गए कई अधिकारी
रविवार को UPPCL के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल बरेली दौरे पर आए थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें इस घोटाले की जानकारी नहीं दी। चेयरमैन ने न तो कोई बैठक की और न ही मामले की समीक्षा की, वरना कई और कर्मचारियों पर तत्काल गाज गिर सकती थी।
निचले स्तर के कर्मचारियों पर ही कार्रवाई, अधिकारी सुरक्षित
बिजली विभाग में लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों को निशाना बनाया जाता है। मार्च में फरीदपुर में विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान एक संविदा कर्मी के घर से बिजली चोरी और 98 मीटर बरामद हुए थे, लेकिन अब तक केवल उसी संविदाकर्मी की सेवा समाप्त की गई है जबकि उच्चाधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।