घटना रविवार सुबह को उस वक्त सामने आई जब खुशबू पाटनी अपने घर के पास टहल रही थीं। खंडहर की ओर से बच्चे के रोने की आवाज सुनकर वह वहां पहुंचीं, जहां उन्होंने देखा कि बच्चा अकेला पड़ा हुआ है। आसपास बंदर और आवारा कुत्ते मंडरा रहे थे। समय रहते अगर किसी की नजर न पड़ती, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
खुशबू ने बच्चे को अपनी गोद में उठाया, उसे अपने घर ले जाकर साफ-सफाई करवाई और दूध पिलाया। बाद में बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। इस दौरान उन्होंने कहा, “यह बहुत ही शर्मनाक है कि कोई माता-पिता अपने मासूम बच्चे को इस तरह खंडहर में छोड़ सकते हैं।”
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
बच्चा किसका है और उसे वहां किसने छोड़ा, इसका अब तक पता नहीं चल सका है। पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। बच्चे की उम्र लगभग एक साल बताई जा रही है। चाइल्ड लाइन के अधिकारियों का कहना है कि बच्चे की हालत स्थिर है और फिलहाल उसकी देखभाल की जा रही है।
समाज के लिए मिसाल बनीं खुशबू
पूर्व सेना अधिकारी खुशबू पाटनी का यह कदम न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।