राजस्थान के बांसवाड़ा के पालोदा निवासी 12 वर्षीय जान्हवी की हत्या उसके ही पड़ोसी 2 नाबालिगों ने की थी। दोनों आरोपी मृतका के घर चोरी की नीयत से घुसे थे। रुपए तो नहीं मिले पर हत्या के बाद घर में रखी अफीम को चुरा कर भाग गए। जब मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस को गुमराह करने और प्रदर्शन करने में भी दोनों आरोपी शामिल थे।
इसका खुलासा एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने मंगलवार शाम को कलक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता में किया। एसपी ने बताया कि 23 मार्च को सुबह 10:30 बजे सूचना मिली थी और पुलिस 10:45 बजे पहुंच गई थी। पुलिस जांच में जुटी और 15 टीम के 33 पुलिस अधिकारियों ने मात्र 36 घंटे में खुलासा कर दिया। दोनों आरोपियों को डिटेन कर लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि मृतका जाह्नवी के पिता लालजी 5 वर्षीय बेटे का मुंडन संस्कार करना चाहते थे। इसकी जानकारी ग्रामीणों को भी थी।
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चोरी के इरादे से घुसे
कार्यक्रम के लिए ही कुछ रकम एकत्र की थी। साथ ही आवभगत के लिए अफीम भी लाकर रखी थी। जब दोनों आरोपियों को पता चला कि यहां कार्यक्रम होगा और घर में नगदी मिल सकती है। ऐसे में दोनों ने घर में घुसकर चोरी की योजना बनाई। बड़े आरोपी उम्र 17 वर्ष 9 माह ने तय किया कि वह घर अंदर जाएगा और छोटा उम्र 13 वर्ष बाहर निगरानी करेगा। वारदात के दिन लालजी के खेत पर जाते ही दोनों घर में घुस गए। बड़ा आरोपी घर के अंदर घुस गया और तलाशी लेने लगा, जबकि छोटा घर के बाहर पहरा दे रहा था।
चाकू से किया था वार
कुछ ही मिनट में तलाशी ले ली गई, पेटी में कोई राशि नहीं मिली। जबकि मटके में अफीम मिल गई। उसे साथ में ले लिया। इसी दौरान बाथरूम में नहाने गई जाह्नवी बाहर आ गई। उसने आरोपी को देखते ही कहा कि तू मेरे घर में क्या कर रहा है? मैं अभी बाहर जाकर सभी को बताती हूं।
ऐसे में आरोपी ने बालिका को पकड़ लिया। उसने छुड़ाने की कोशिश करने लगी। तभी पहरा दे रहा दूसरा आरोपी भी अंदर आ गया। इसके बाद छोटे आरोपी ने बालिका को जकड़ लिया। बड़े ने पास में ही किचन से चाकू उठाया और गले पर वार कर दिया। इसके बाद तब तक वार करते रहे जब तक बालिका ने दम नहीं तोड़ दिया। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गए। भीड़ एकत्र हुई तो उसका हिस्सा बन गए।