पत्रिका की खबरों से जागा विभाग
राजस्थान पत्रिका में लगातार समाचार प्रकाशित होने के बाद वसूली के मामलों की जांच के लिए स्थानीय व जयपुर से आई टीम ने जांच की। एमसीएच विंग में जांच भी हुई, लेकिन अभी तक टीम पैसे लेने वाले तक नहीं पहुंच पाई। कमेटी अभी तक सिर्फ प्रथम दृष्टया किसी स्टूडेंट द्वारा पैसे लेने की बात कह रही है।हमें बच्चे की मौत का सदमा, वे मांगते रहे दो हजार
प्रसूता की ननद ललिता ने बताया कि हम एक हजार रुपए देने को तैयार थे। हमें नहीं पता था कि बच्चा पेट में मर गया। कुछ देर बाद हुए प्रसव में बच्चा मरा पैदा हुआ। यह जानकर दुख का पहाड़ टूट गया, क्योंकि उसका भाई उससे बहुत छोटा है। कई बरस बाद घर में बच्चा हुआ, वह भी मृत। इन हालात में भी हम पर दबाव बनाकर पूरे दो हजार रुपए लिए गए। ललिता ने बताया, भतीजे का शव हाथ में था, मैंने दूसरे हाथ से पैसे दिए।RGHS Update : एक सरकारी आदेश बना सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी मुसीबत, जानें पूरा सच
सोमवार को परिजनों को बुलाकर कराएंगे पहचान
पूर्व में परिजनों से पहचान कराई, जिसमें ट्रेनी नर्सिंग स्टूडेंट्स द्वारा पैसा लेने की बात आई। कुछ स्टूडेंट रीट के सिलसिले में बाहर गए थे। सोमवार को परिजनों को बुलाकर पहचान कराएंगे।डॉ. राहुल डिंडोर, डिप्टी सीएमएचओ और जांच अधिकारी, बांसवाड़ा