यों सामने आई गंभीर बीमारी
छोटी सरवन बीसीएमओ डॉ मुकेश मईड़ा बताते हैं कि अप्रेल माह में लाली उपचार के लिए आई। तब उसने बुखार और सर्दी खांसी की समस्या बताई, लेकिन उसका शरीर पूरा सूजा हुआ था। उसके सेहत की हिस्ट्री जानी तो उसके परिजनों ने बताया कि उसे अक्सर बुखार, सर्दी- खांसी एवं अन्य समस्याएं रहती हैं। शरीर में आई सूजन के बारे में बताया कि ये तो कई महीनों से है। चिकित्सक को प्रथम दृष्टया हार्ट से जुड़ी समस्या का संदेह हुआ। जिस पर उन्होंने लाली को सोनोग्राफी, एक्सरे और इको की जांच कराने की नसीहत दी।
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एक वॉल्व बदला दो का किया उपचार
लाली के तीन वॉल्व खराब थे। जिसमें एक वॉल्व बदला गया और दो को ऑपरेट किया गया। इसमें तकरीबन ढाई लाख रुपए का खर्चा आया। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाली का उपचार कराया गया। 20 दिन अस्पताल में रहने के बाद लाली अब स्वस्थ्य है।
चिकित्सक के मुताबिक जांच में सामने आया कि लाली के दिल के चार वॉल्व में से तीन खराब हैं। जिसके बाद लाली के परिजनों को तत्काल ऑपरेशन के लिए परामर्श दिया। लेकिन पैसों और जानकारी के अभाव में परिजन कतराते नजर आए। लाली के पिता शांतिलाल का देहांत पूर्व में हो चुका है। उसके छोटे भाई को बीमारी की जानकारी दी, तो उसने पैसों को लेकर पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। जिसके बाद पहली पिंटू बहन व चाचा को साथ लेकर उदयपुर के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। एक सप्ताह उपचार के बाद उसे छुट्टी मिल गई और ऑपरेशन के लिए कुछ दिन बाद बुलाया गया।