मामले की सूचना पर कोतवाली के पुलिस दल ने पहुंचकर पीडि़ता के बयान लिए। इसमें बताया कि बचपन में उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी। तब से वह नानी के पास रहकर पली-बढ़ी। छह जून की शाम करीब छह बजे वह चाचा किशन पुत्र शंकर के घर गई। वहां चाचा ने रिश्ता आया होना बताकर शादी करने के लिए दबाव बनाया। इस पर उसने शादी की अभी उम्र नहीं होना बताकर आगे पढऩे की मंशा जताई, तो चाचा-चाची उखड़ गए। फिर चाचा पकड़े रहा और चाची ने कैंची से उसके सिर के बाल बेतरतीब काट दिए। लात-मुक्कों से मारपीट से उसकी आंख पर भी चोट आई। उसने निकल भागने का प्रयास किया, तो दोनों ने रोककर कमरे में बंद कर दिया।
शादी से लौट रहे थे पिता-पुत्री, रास्ते में आ गई दर्दनाक मौत
उसकी चीखें सुनकर पड़ोसियों ने नानी और मामा को सूचना दी, तो वे आए और उसे छुड़ाया। चोटें ज्यादा आने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मामले में किशोरी के बयान पर पुलिस ने मारपीट और नाबालिग से क्रूरता पर जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान एएसआई विवेकभानसिंह के जिम्मे किया गया।