वहीं स्कूल में ध्वज फहराने के लिए एक चबूतरा बनाया गया है, जिसे भी शामिल कर लिया गया। कुल 49 हजार वर्ग फीट से ज्यादा जगह बताई है। जबकि, मौके पर 44 हजार वर्ग फीट की जगह है। वहीं संबंधित व्यक्ति ने बताया कि नोटिस में खसरा नंबर भी गलत डाला गया है। 10 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा कराने के लिए 2 दिन का समय दिया था। जब राशि नहीं जमा कराई तो 2 लाख रुपए तीसरे दिन पैनल्टी या ब्याज के जोड़ दिए गए।
पत्रिका ने किया खुलासा
बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ के जमीन रजिस्ट्री के बाद नोटिस दिए जा रहे हैं। यह नोटिस नियमों को ताक में रखकर दिए जाए रहे हैं। इसका खुलासा ‘3 जिलों में 700 रजिस्ट्री के बाद डीआईजी स्टांप ने दिए नोटिस’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
समीक्षा करेंगे
इस संंबंध में जिला कलक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने बताया कि मामला डीआईजी कार्यालय है। फिर भी एक बार तहसीलदार से बात करेंगे कि इस प्रकार के मामले सामने क्यों आ रहे हैं। जहां जरूरत होगी वहां कार्रवाई का प्रस्ताव रखा जाएगा। उद्देश्य केवल यह है कि आमजन परेशान नहीं होना चाहिए।