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युवा शक्ति राष्ट्रीय विकास की रीढ़ : राज्यपाल गहलोत

हमारा देश एक समय में विश्व गुरु और सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता था। भारत नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों का घर है। गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और दर्शन में भारतीय योगदान वेदों में दर्ज है। शून्य और दशमलव प्रणाली की खोज सहित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

बैंगलोरApr 12, 2025 / 12:23 pm

Nikhil Kumar

युवाओं की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और क्षमता राष्ट्रीय विकास की रीढ़ हैं। युवाओं में असंभव को संभव बनाने की शक्ति है। जरूरत है तो आंतरिक शक्ति, निरंतर अभ्यास, आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण को पहचानने की।
ये बातें राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शुक्रवार को कही। वे रानी चन्नम्मा विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए राज्यपाल गहलोत ने कहा कि शिक्षा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक है। ज्ञान और नवाचार में भारत की समृद्ध विरासत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, हमारा देश एक समय में विश्व गुरु और सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता था। भारत नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों का घर है। गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और दर्शन में भारतीय योगदान वेदों में दर्ज है। शून्य और दशमलव प्रणाली की खोज सहित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
समारोह के दौरान विश्वविद्यालय ने जस्टिस एच. एन. नागमोहन दास, शिवलिंगेश्वर स्वामी और शम्सुद्दीन अब्दुल्ला पुणेकर कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम.सी. सुधाकर, प्रो. गणेश एन. देवी और कुलपति प्रो. सी.एम. त्यागराज भी उपस्थित थे।

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