इस केंद्र से सबसे गरीब लोगों को लाभ मिलेगा क्योंकि दान के बाद प्रत्यारोपण के लिए निकाले गए अंगों को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी प्रत्यारोपण केंद्रों को ही आवंटित किया जाएगा। मौजूदा सुविधाओं को आधुनिक बनाने और ऑर्गन रिट्रीवल केंद्र स्थापित करने के लिए विभाग ने एक करोड़ रुपए मंजूर किए हैं और आधिकारिक आदेश पहले ही जारी हो चुका है। यह पहल विक्टोरिया अस्पताल की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर की गई है, जो इसे एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनाती है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल के अनुसार अगले चार से छह महीनों में इस केंद्र के चालू होने की उम्मीद है। केंद्र में आइसीयू, एक ऑपरेशन थियेटर, एक प्रयोगशाला और उन्नत नैदानिक क्षमताओं सहित व्यापक सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।मंत्री ने कहा कि प्रभावी अंगदान के लिए संभावित दाताओं की पहचान करना, सुरक्षित प्रक्रियाएं सुनिश्चित करना, पारिवारिक परामर्श आयोजित करना, उन्नत आइसीयू देखभाल प्रदान करना और कानूनी ढांचे का पालन करना महत्वपूर्ण है। केंद्र के समग्र विकास के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है।
हेलीपैड का निर्माण जारी विक्टोरिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक एस. ने कहा कि विक्टोरिया अस्पताल में एकीकृत ऑर्गन रिट्रीवल केंद्र की स्थापना से अंगदान कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। एक बार जब कोई परिवार अंगदान के लिए सहमति देता है, तो मरीज को आइसीयू से निर्दिष्ट सुविधा में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अंगों के सुगम परिवहन की सुविधा के लिए विक्टोरिया अस्पताल में एक हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है।