प्रेक्षा ध्यान के निरंतर अभ्यास से दूर होता है डिप्रेशन
तेरापंथ महिला मंडल, टी.दासरहल्ली की ओर से प्रेक्षा ध्यान व डिप्रेशन का जीवन पर प्रभाव विषय पर आयोजित कार्यशाला में साध्वी पुण्ययशा ने कहा कि आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तेजी से डिप्रेशन के शिकार होने लगे हैं। लोग जीवन में चुनौतियों व कठिनाइयों के आते ही तनावग्रस्त हो जाते हैं।साध्वी ने कहा, […]


तेरापंथ महिला मंडल, टी.दासरहल्ली की ओर से प्रेक्षा ध्यान व डिप्रेशन का जीवन पर प्रभाव विषय पर आयोजित कार्यशाला में साध्वी पुण्ययशा ने कहा कि आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तेजी से डिप्रेशन के शिकार होने लगे हैं। लोग जीवन में चुनौतियों व कठिनाइयों के आते ही तनावग्रस्त हो जाते हैं।साध्वी ने कहा, डिप्रेशन भावनात्मक बीमारी है। व्यक्ति बहुत जल्द इससे ग्रसित होता हैं। क्रोध जैसा कषाय मूल परिस्थितियों में व्यक्ति को असमर्थ बना देता है। भावनाओं के साथ शरीर की बीमारियां भी जुड़ी हुई हैं। इसलिए प्रेक्षा ध्यान, योग, ध्यान, अनुप्रेक्षा ऐसी चुनौतियों से उबरने में सहायक होते हैं। ज्योति केंद्र प्रेक्षा, श्वास प्रेक्षा का प्रयोग का निरंतर अभ्यास करने से आवेश कंट्रोल होता है।साध्वी ने प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाते हुए बताया कि प्रेक्षाध्यान एक मनोवैज्ञानिक पद्धति हैं। इस ध्यान को निरंतर करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता हैं। अभातेममं की वेबसाइट पर आया जल संरक्षण- एक बूंद एक सागर का पोस्टर अनावरण साध्वी के सान्निध्य में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी के नमस्कार महामंत्र से हुआ। मंडल की सदस्यों ने प्रेरणा गीत का संगान किया। अध्यक्ष नेहा चावत ने स्वागत किया। संचालन मंत्री नम्रता पितलिया व आभार ज्ञापन संयोजिका सुनीता भटेवरा ने किया। इस मौके पर संस्थापक अध्यक्ष गीत बाबेल, संगठन मंत्री सरोज मारू, संगीता बोथरा आदि मौजूद थीं।
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