बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जगिमा के नावापारा जोताड़ जंगल में महुआ बीनने ग्रामीणों ने झोपड़ी बना रखी है। रातभर (Elephant killed woman) इसी झोपड़ी में रहकर वे पहरा करते हैं। गांव की 50 वर्षीय महिला गिद्दी कोरवा अपने पति सुखु के साथ झोपड़ी में थी।
बुधवार की सुबह करीब 6 बजे उसका पति और गांव के अन्य लोग महुआ बीन रहे थे। जबकि वह खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। इसी बीच वहां एक हाथी आ धमका और सूंड से उसका गर्दन पकडक़र जमीन पर पटक दिया।

यह भी पढ़ें
Patwari dismissed: एसडीएम ने पटवारी को किया बर्खास्त, जमीनों के खसरा नंबरों में की थी भारी छेड़छाड़
Elephant killed woman: सूचना मिलते ही पहुंचीं रेंजर
ग्रामीणों की सूचना पर रेंजर आशा मिंज टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने शव बरामद कर पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। रेंजर ने मृतका (Elephant killed woman) के पति को तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की। बताया जा रहा है कि हाथी मंगलवार की रात बादा जंगल में था लेकिन वह सुबह जोताड़ जंगल में पहुंच गया था।
जंगल से लकड़ी व महुआ न लाने की समझाइश
घटनास्थल (Elephant killed woman) पर सरपंच राजेंद्र टोप्पो, उपसरपंच डिगेश यादव, रामशरण यादव, डिप्टी रेंजर राम प्रताप राही, लक्ष्मण राम, प्रमोद कुमार गुप्ता, वनरक्षक अनुराग तिर्की, चंद्रदेव सिंह, युधिष्ठिर राम समेत अन्य उपस्थित थे। इस घटना के बाद वन विभाग द्वारा गांव के लोगों को जंगल में महुआ बीनने और लकड़ी न लाने के लिए मुनादी कराई जा रही है। यह भी पढ़ें
Student drowned in river: स्कूल से छुट्टी के बाद नदी में नहाने गया था छात्र, डूबने से मौत, भाग निकले दोनों दोस्त
36 घंटे में 3 की गई जान
बलरामपुर जिले के अलग-अलग इलाके में बीते 36 घंटे के भीतर हाथियों ने 2 महिला समेत 3 ग्रामीणों की जान ले ली है। शंकरगढ़ की घटना से पूर्व सोमवार की देर शाम जिले के ग्राम फुलवार में दंतैल हाथी ने महिला अस्मीना अंसारी 45 वर्ष का हाथ उखाड़ दिया था। इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह उसकी मौत (Elephant killed woman) हो गई थी। वहीं रामपुर में उसी दंतैल हाथी ने कमिश्नर कार्यालय अंबिकापुर में पदस्थ प्यून दुर्गा प्रसाद 50 वर्ष को कुचलकर मार डाला था। वह अपने गांव में महुआ बीन रहा था।