जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्डों में भर्ती मरीजों की अचानक मौत की संख्या अधिक हो जाने के कारण नि:शुल्क शव वाहन तक नहीं मिले। लोगों को अपनी निजी गाड़ियों से शव लेकर जाना पड़ा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह में बलिया जिले में हीट स्ट्रोक से 101 मौत हुई है। कर्मचारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौरान भी एक दिन में इतनी मौतें नहीं हुई थीं।
गंगा घाटों पर पूरी रात चिता की आग शांत नहीं हो रही है। 50 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग सबसे ज्यादा मौत की चपेट में आ रहे हैं। अचानक मौत के आंकड़ों में इजाफा होने से अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है। आनन-फानन में इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में कूलर और एसी लगवाए गए हैं। इसके बाद मरीजों को कुछ राहत मिल रही है। चिकित्सक लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय बता रहे हैं। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. दिवाकर सिंह ने कहा कि भीषण गर्मी के कारण अचानक डायरिया, हीट स्ट्रोक, तेज बुखार, सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मरीज समय से चिकित्सक सुविधा न मिलने के कारण हालत खराब होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है।
10 जून – 07
11 जून – 05
12 जून –07
13 जून – 17
14 जून – 18
15 जून – 31
16 जून – 25