रामनवमी पर राममय हुई अयोध्या
रामलला के सूर्य तिलक के बाद शाम को अयोध्या का माहौल और भी भक्तिमय हो गया। सरयू नदी के चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब दो लाख दीये जलाकर दीपोत्सव मनाया गया। इन दीयों की जगमगाहट ने घाट को एक दिव्य रूप दे दिया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा किया गया था जिसमें अयोध्या के 15 स्कूलों के छात्रों ने भी हिस्सा लिया और दीप जलाने में योगदान दिया। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या रामनवमी पर पूरी तरह रोशनी और भक्ति में डूबी रही। हर गली, हर मंदिर और हर घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। सुरक्षा के भी सख्त इंतजाम किए गए थे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
सूर्य की किरणों से हुआ तिलक
रामलला का जन्मोत्सव दोपहर 12 बजे मनाया गया। इस शुभ घड़ी में सूर्य की किरणें सीधे भगवान के ललाट पर पड़ीं, जिसे सूर्य तिलक कहा गया। इसे देखने के लिए मंदिर परिसर में भारी भीड़ जुटी थी। भक्त “जय श्री राम” के नारों के साथ पंक्तियों में खड़े होकर दर्शन का इंतजार करते दिखे। श्रद्धालु सुबह से ही सरयू में डुबकी लगाकर मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, सबकी यही कामना थी कि एक बार रामलला के दर्शन हो जाएं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि श्रीलंका से लौटते समय उन्हें आकाश से रामसेतु के दर्शन हुए और उसी समय रामलला के सूर्य तिलक का दृश्य भी देखने को मिला। उन्होंने इस संयोग को ईश्वरीय कृपा बताया और सभी के लिए भगवान श्रीराम का आशीर्वाद मांगा।
अयोध्या में रामनवमी का यह पर्व भक्ति, उत्साह और अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा रहा, जिसने श्रद्धालुओं के दिलों में एक अविस्मरणीय अनुभव छोड़ दिया।