गूगल लेब्रा डॉग ने खून देकर बचाई जान
सोनू रघुवंशी ने बताया कि वह लेब्रा को ब्लीडिंग के बाद पशु अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने खून का स्तर मापा तो लेवल 3.4 ही मिला। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। खून बढ़ाने वाली दवाइयां दीं। ड्रिप लगाई, लेकिन तमाम प्रयास फेल हो गए। डॉक्टरों ने कहा, खून चढ़ाना होगा। इसके बाद मैचिंग वाले ब्लड की तलाश की गई। इसके बाद शहर के हीरेंद्र रघुवंशी ने अपने चार साल के लेब्रा श्वान ‘गूगल’ को डोनर बनाने की सहमति दे दी। इसके बाद ‘गूगल’ का खून गर्भवती लेब्रा को चढ़ा दिया।दुर्लभ होते हैं ऐसे मामले
जानकारों की मानें तो श्वानों को खून चढ़ाया आसान नहीं होता। डोनर और रिसीवर के ब्लड की सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) जांच पूरी करने के बाद ही खून चढ़ाया जाता है। यदि किसी के ब्लड में इंफेक्शन होता है तो ब्लड नहीं लिया जाता। ये भी पढ़ें: एमपी में वक्फ संपत्तियों से 1.30 करोड़ आय, मुतवल्लियों की भूमिका पर सवाल ये भी पढ़ें: लखपति बनने करा रहे थे तंत्र-मंत्र, साढ़े सात लाख और दो कार भी ले भागा तांत्रिक