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Takiya Majar: ग्राम पंचायत का यह है कहना
ग्राम पंचायत का आरोप है कि मजार (Takiya Majar) और मंदिर की देखरेख का खर्च पंचायत मद से होता था। जबकि अंजुमन कमेटी मजार पर अपना मालिकाना हक जमा बैठी थी। चंदे और चढ़ावे के पैसे को अंजुमन कमेटी रखा करती थी। जबकि ऑडिट रिपोर्ट भी कलेक्टर को कमेटी द्वारा नहीं सौंपा जाता था, जिसका विरोध लंबे समय से ग्राम पंचायत कर रही थी। वहीं मंगलवार को ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा बुलाकर तकिया मजार को अंजुमन कमेटी के कब्जा मुक्त कराने का प्रस्ताव रखा गया। जहां सर्व सहमति से प्रस्ताव को पारित करते हुए दरगाह शरीफ तकिया मजार को ग्राम पंचायत ने अपने हैंड ओवर ले लिया है।
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तकिया को लिया पंंचायत के अधीन
अंबिकापुर के जनपद उपाध्यक्ष सतीश यादव का कहना है कि तकिया में मजार (Takiya Majar) व मंदिर है। पूर्व में अंजुमन कमेटी द्वारा संचालित किया जा रहा था, जबकि साफ-सफाई से लेकन निर्माण कार्य तक ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाता रहा है। आज से अपने अधीन ले लिए हैं। ग्राम पंचायत के दोनों समुदाय के लोग मिलकर संचालित करेंगे।