Srigarh eviction case: श्रीगढ़ मामला: डीएफओ कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
Srigarh eviction case: भाजपा पार्षद, एनजीओ प्रकोष्ठ के अध्यक्ष समेत अन्य लोगों ने डीएफओ और एसपी को सौंपा ज्ञापन, कहा- अनावश्यक दबाव बनाने किया गया प्रदर्शन
अंबिकापुर. शहर के महामाया पहाड़ पर वन भूमि पर स्थित श्रीगढ़ के 40 परिवारों का मकान प्रशासन द्वारा जनवरी माह में ढहा दिया गया था। प्रभावितों (Srigarh eviction case) द्वारा सोमवार को डीएफओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया गया था। उनका कहना था कि वन विभाग को 7 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना था। उनका आरोप है कि वन विभाग उनका पक्ष लेने में आनाकानी कर रहा है।
इधर भाजपा पार्षद आलोक दुबे, एनजीओ प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, मुकेश तिवारी, मुन्ना झारिया, बृजेश कुमार सिंह, सुरेंद्र टोप्पो, जोसेफ तिर्की व शत्रुध्र यादव समेत अन्य ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने डीएफओ व एसपी को ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि विभाग पर अनावश्यक दबाव बनाने पार्षद समेत अन्य लोगों द्वारा यह प्रदर्शन किया गया।
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया है कि लोगों की शिकायत (Srigarh eviction case) पर तत्कालीन कलेक्टर ने डीएफओ को निर्देशित करते हुए 5 सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। 20 दिसंबर 2021 को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में जो 42 मकान टूटे हैं, उसके पृष्ठ क्रमांक 3 में तत्कालीन डीएफओ मो. शाहिद द्वारा 15 मई 2017 को 60 लोगों के खिलाफ अंतिम बेदखली नोटिस जारी किया गया था।
Complaint to DFO Surguja लेकिन अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में कांग्रेस द्वारा राजनैतिक दबाव डालकर संरक्षित वन क्षेत्र में 8 लोगों को राजीव आश्रय योजना का पट्टा (Srigarh eviction case) जारी किया गया। जांच कमेटी ने इसमें स्पष्ट लिखा है कि संरक्षित वन क्षेत्र में 8 लोगों को पट्टा जारी किया जाना आश्चर्य का विषय है। यह निरस्त करने योग्य है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि श्रीगढ़ नवागढ़ क्षेत्र (Srigarh eviction case) के कांग्रेसी पार्षद डीएफओ पर अनावश्यक दबाव डालकर हाईकोर्ट का हवाला देते हुए मामले को भटका रहे हैं।
जबकि तात्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार झा ने वन विभाग के साथ संयुक्त कलेक्टर तनुजा सलाम के नेतृत्व में राजस्व की टीम द्वारा जमीन की जांच कराई थी। इसमें स्पष्ट है कि जमीन वन विभाग की है या राजस्व की।
शिकायतकर्ताओं ने श्रीगढ़ में वन विभाग व प्रशासन की कार्रवाई (Srigarh eviction case) को जायज ठहराते हुए डीएफओ कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, जिनका इस मसले से कोई लेना-देना ही नहीं है।
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