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अलवर

प्रकृति के साथ खनन माफिया कर रहे खिलवाड़, अवैध खनन कर तोड़ रहे पहाड़

तहसील क्षेत्र के सताना, बिलंदी, बाढ़ बिलंदी, नांगल, भड़कोल, बरखेड़ा सहित अन्य गांवों के पहाड़ों को कर रहे खोखला

अलवरMar 26, 2025 / 07:00 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. प्रकृति के साथ खनन माफिया खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां थाना क्षेत्र के कई गांवों के पहाड़ों से अवैध रूप से पत्थर खनन कर दिन-रात धड़ल्ले से ट्रैक्टर-ट्रॉली परिवहन करने में सरपट दौड़ रहे हैं। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के बाद भी इन पर अंकुश नहीं लग रहा है। मालाखेड़ा तहसील क्षेत्र के सताना, बिलंदी, बाढ़ बिलंदी, नांगल, भड़कोल, बरखेड़ा सहित अन्य गांवों के पहाड़ों को ये चीर रहे हैं।आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय जयपुर में शिकायत के बाद भी ग्रामीणों की आवाज को दबाया जा रहा है। बुलंदी के लोगों ने पत्र लिखकर बताया था कि उनके आबादी के घरों पर ब्लास्ट से पत्थर आते हैं तथा सरकारी स्कूल के पीछे पहाड़ पर ब्लास्ट से स्कूल भवन में भी दरार हो रही है। इस बाबत स्कूल प्रशासन ने भी पुलिस प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई और अवैध खनन बदस्तूर जारी है।
सुबह पांच से रात 11 बजे तक कर रहे अवैध खननमालाखेड़ा थाना, अरावली विहार, सदर थाना, उद्योग नगर, अकबरपुर थाना सीमा क्षेत्र से होकर यह पत्थर निर्माण कार्य कराने वालों तक पहुंच रहे हैं। मोटी कीमत इनकी वसूली जा रही है। जिम्मेदार आंखे मूंदे हुए हैं। पुलिस व प्रशासन मिली भगत कर ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थर वाली नहीं दिखाकर लीपापोती कर देते हैं। इस प्रकार संरक्षण मिलने से क्षेत्र के पहाड़ अब बर्बाद हो रहे हैं। पुलिस, राजस्व, खनन, वन व परिवहन विभाग सभी अनदेखी कर रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप मालाखेड़ा क्षेत्र में अवैध खनन सुबह 5 से रात 11 बजे तक यह कार्य चलता रहता है। अलवर जिले से वन मंत्री होने के बावजूद अवैध खनन का कार्य रुक नहीं रहा है। पहाड़ी रकबा 2986 हेक्टेयर मालाखेड़ा उपखंड में राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार गैर मुमकिन पहाड़ का रकबा 2986 हेक्टेयर है। जिसमें से 100 हेक्टेयर पहाड़ों का सीना चीर छलनी किया जा रहा है। इस मामले में मालाखेड़ा एसडीएम व तहसीलदार से अवैध खनन के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाइल से उनसे संपर्क नहीं हो सका।
कार्रवाई की जाती हैअवैध खनन के खिलाफ अलवर जिले में टीम विभिन्न क्षेत्रों में जाती है। जहां ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरे पत्थर की रॉयल्टी की रसीद नहीं होने पर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर वजन के अनुसार जुर्माना किया जाता है। मालाखेड़ा क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
मनोज शर्मा, माइंस इंजीनियर, खनन विभाग।

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