आदेश एक अप्रैल से लागू
यह आदेश एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने कहा है कि नगर विकास न्यास व शहरी मुयालयों पर स्थित नगर निगम व नगर परिषद क्षेत्रों में 10 हजार वर्ग मीटर तक के आवासीय, 5 हजार वर्ग मीटर तक के गैर आवासीय पट्टे, 40 मीटर ऊंचाई तक के भवनों के निर्माण की अनुमति स्थानीय स्तर पर ही जारी की जा सकेगी। नगर पालिकाओं में 5 हजार वर्गमीटर तक के आवासीय, 2500 वर्ग मीटर तक के गैर आवासीय पट्टे व 30 मीटर ऊंचाई तक के भवनों के निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
इस तरह लगानी पड़ती थी जनता को दौड़
बड़े भूभाग पर चाहे इंस्टीट्यूट खोलना हो या फिर कोई और प्रोजेक्ट शुरू करना हो, इसके लिए लोगों को यूडीएच विभाग जयपुर में जाना पड़ता था। फाइल यूआईटी के जरिए यूडीएच जाती थी। यूडीएच के पास फाइलों का भार इतना है कि आसानी से नंबर नहीं आ पाता। यूआईटी को कई बार पत्राचार करना पड़ता था। इससे समय लगता था। लोगों को भी कई बार यूडीएच जाना होता था। साथ ही अधिक ऊंचाई के भवनों के लिए अनुमति वहीं से मिलती थी। अब यह अधिकार यूआईटी व नगर निगम के पास आ गया है। इससे दोनों विभागों का राजस्व भी बढ़ेगा। साथ ही जनता का समय बचेगा। अतिरिक्त धन भी खर्च नहीं होगा।
जनता को मिलेगा आराम, बढ़ेगा राजस्व
यूआईटी से सेवानिवृत्त एक्सईएन प्रमोद शर्मा का कहना है कि यूआईटी व नगर निगम के अधिकार बढ़ाने से जनता को लाभ मिलना तय है। समय पर पट्टे जारी होंगे। राजस्व बढ़ेगा। हालांकि मास्टर प्लान के मुताबिक ही दोनों विभागों को यह पट्टे जारी करने होंगे। उसी हिसाब से ऊंचाई की अनुमति मिलेगी। गड़बड़ी भी की गई तो पकड़ी जाएगी।