अलवर जिले के थानागाजी, टहला, उमरेण, कस्बा डेहरा, खैरथल, क्षेत्र में सूरज की धूप से बिजली प्राप्त कर किसान बिजली के झंझट से मुक्ति पा रहे हैं। वन क्षेत्र टहला में सौर ऊर्जा किसानों के लिए वरदान बन रही है। टहला स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर से काकवाडी क्षेत्र के 18 किमी एरिया में विद्युत के पोल दिखाई नहीं दे रहे। वहां सोलर सिस्टम से बिजली प्राप्त कर रहे हैं। इसी बिजली से खेती की सिंचाई तथा एसी, डीसी कनेक्शन से घर पर रात्रि को उजाला, एयर कंडीशन, कूलर, पंखे का संचालन हो रहा है। इस क्षेत्र में खरीफ व रबी दोनों ही फसलों के लिए मुफ्त बिजली मिल रही है। उद्यान विभाग के अनुदान से यहां सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। 60% अनुदान किसान को दिया जाता हैबैल कुआं, डीजल पंपसेट इस क्षेत्र में फेले हुए है। पीएम कुसुम योजना और सोलर सिस्टम से किसानों को जीवनदान मिल रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत पांच हाॅर्स पावर से लेकर साढे 7 हॉर्स पावर का प्लांट लगाने पर 60% अनुदान किसान को दिया जाता है। इसमें 40 फीसदी राशि किसान को वहन करनी होती है। जहां 350 से लेकर 400 फीट गहराई तक यह सोलर पंप सफलतापूर्वक कारगर है।
उद्यान विभाग की ओर से सोलर पंप लगाएअलवर जिले के टहला के माढ़ंणवास, मल्लाणा, राजौरगढ़, मित्रवत, काकवाड़ी, खोह, तिलवाड़, के अलावा थानागाजी, उमरैन, ढहलावास, सिरावास, बीणक, सारंगपुरा, इंदौक, परसाका बास, खैरथल सहित अन्य राजस्व गांव में उद्यान विभाग की ओर से सोलर पंप लगाए गए हैं। थानागाजी के टहला क्षेत्र में वन विभाग का साम्राज्य है। वहां पर बिजली के पोल लगाने तथा कनेक्शन के लिए वन विभाग अनुमति नहीं देता है। उस क्षेत्र में सौर ऊर्जा सेट लगने से किसान खेती बाड़ी कर रहे हैं।
दुर्घटना का भी अंदेशा नहींजय किशन गुर्जर, पेमाराम सैनी, हनुमान मीणा आदि का कहना है कि सोलर पंप तथा सौर ऊर्जा घर पर लगाने का बहुत ही फायदा है। जयकिशन गुर्जर ने भी बताया कि उसके यहां पर 7.5 हॉर्स पावर का सोलर पंप लगा है, जो सूर्योदय से सूर्यास्त तक सिंचाई होती है। दिनभर में एक बीघा खेती की सिंचाई होती है। विद्युत करंट जैसी दुर्घटना का भी अंदेशा नहीं है।
उपनिदेशक उद्यान विभाग केएल मीणा ने बताया कि पीएम कुसुम योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से 7.5 हॉर्स पावर लगाने वाले इस प्लांट की कीमत 2,33,000 रुपए है, जिसमें से किसानों को 1,81,437 रुपए का अनुदान सरकार की ओर से दिया जाता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के 45000 रुपए का अनुदान अलग से दिया जाता है। यह प्लांट लगने के बाद कोई खर्चा नहीं होता है। 25 वर्ष से अधिक समय तक सोलर प्लेट व अन्य संसाधन संचालित रहती है। टहला वन क्षेत्र में जहां विद्युत कनेक्शन नहीं होते हैं, वहां पर करीब डेढ़ सौ से अधिक तथा खैरथल क्षेत्र में 36 सोलर पंप स्थापित किए हैं। जिलेभर में 2000 के करीब सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। अलवर जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 563 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य अर्जित किया गया।…………….
सोलर पंप लगाने का लक्ष्य अर्जित कियापीएम कुसुम योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से किसानों को अनुदान देय है। प्लांट लगने के बाद कोई खर्चा नहीं होता है। टहला वन क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन नहीं होते हैं, वहां पर करीब डेढ़ सौ से अधिक तथा खैरथल क्षेत्र में 36 सोलर पंप स्थापित किए हैं। जिलेभर में 2000 के करीब सोलर पंप स्थापित किए हैं। जिले में वित्तीय वर्ष 2024_ 25 में 563 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य अर्जित किया है।
उपनिदेशक उद्यान विभाग केएल मीणा