सुप्रीम कोर्ट ने वेटलैंड क्षेत्र में बने सेवन वंडर्स को एक माह में हटाने के निर्देश दिए हैं। शीर्ष कोर्ट में सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर लोकबंधु ने वरुण सागर व तबीजी क्षेत्र में 19 हेक्टेयर भूमि में वेटलैंड बनाने का प्रस्ताव दिया। शीर्ष अदालत ने नीरी और अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। मामले की सुप्रीम कोर्ट में 16 मई को सुनवाई है।
जिम्मेदारों ने दिए गलत तर्क
जिम्मेदार गलत तर्क देकर आनासागर को मानव निर्मित झील मानते हुए प्राकृतिक वेटलैंड को नकारते रहे। आनासागर में बर्बाद वेटलैंड को बचाने के बजाय दो नए स्थानों पर वेटलैंड के प्रस्ताव शीर्ष अदालत में पेश किए। अब नीरी की वैज्ञानिक रिपोर्ट पर दारोमदार है। जिला कलक्टर द्वारा गठित कमेटी में वन विभाग, राज्य वेटलैंड कमेटी, एडीए और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हैं।
वेटलैंड बहुत जरूरी
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बॉटनी विभाग शिक्षक प्रो. मनोज यादव ने बताया कि प्रत्येक झील, तालाब, नदी किनारे दलदली नम भूमि होती है। इसमें पक्षियों को भोजन मिलता है। पानी दलदल-वेटलैंड से टकरा कर प्राकृतिक रूप से साफ होता है। वेटलैंड से ही कार्बन का अवशोषण होता है। इनका कहना है…
वेटलैंड के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। उप वन संरक्षक दिल्ली गए थे। उनसे जानकारी ली जाएगी।-
ख्याति माथुर, सीसीएफ, वन विभाग।