पुलिस के अनुसार बावला-सरखेज रोड पर स्थित रसमधुर कंपनी की जगह में बने टीन के मकानों में रहने वाला श्रमिक परिवार सात वर्षीय बच्ची को छोड़कर मजदूरी पर गया था। ऐसे में आरोपी रविन्द्र बच्ची को बिस्किट का लालच देकर उसे अपने कमरे में ले गया। उसने बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश की। बच्ची के चिल्लाने पर उसने ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी। शव को पास में फेंक दिया। बच्ची के चेहरे, कमर, पीठ पर चोट के, कान काटे जाने के चलते हत्या का मामला दर्ज किया।
50 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जांचे, 100 की पूछताछ
पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश जाट ने 60 लोगों की 6 टीमें बनाईं। घटनास्थल और उसके आसपास के दो से तीन किलोमीटर दायरे में लगे 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला। मुखबिरों को सक्रिय किया। टीन के मकानों में रहने वाले और आसपास के 100 से ज्यादा लोगों की पूछताछ की।
डॉग ओरियो की मदद से आरोपी को पकड़ा
इस मामले में पुलिस डॉग ओरियो की मदद ली गई। घटनास्थल पर से बच्ची के कपड़े और पास पड़े कपड़े की स्मेल के आधार पर डॉग ओरियो टीन के मकान में रहने वाले आरोपी रविन्द्र के पास पहुंच गया। ऐसे में रविन्द्र को पकड़कर पूछताछ की तो उसने आरोप कबूल कर लिया। जांच में पता चला कि आरोपी दो माह पहले ही यहां आया था। मूलरूप से ये बिहार के गया जिले का रहने वाला है।